बिपारजोय लाइव अपडेट: आज दिनांक 15 जून, गुरुवार को बिपारजोय द्वारा दोपहर के लगभग 3 बजे के आसपास गुजरात के कच्छ के निकट समुद्र तट पर टकराव हुआ। यह टकराव तब हुआ जब इस तूफान की हवाओं की गति 130 से 150 किलोमीटर प्रति घंटा हो रही है और लहरें लगभग 3 से 5 मीटर ऊँची हो रही हैं, जिसके कारण पूरा प्रशासनिक अभियांत्रिकी पूरी तैयारी में है।
बिपारजोय की उत्पति, प्रभाव, नामकरण, कारण
बिपारजोय की उत्पति,प्रभाव,नामकरण ,कारण––इस तूफान की उत्पति हमेशा की तरह बंगाल की खाड़ी में न होकर अरब महासागर में हुआ है जानकारों के अनुसार अरब महासागर के ऊपर के वायु का तापमान अधिक हो जाने (27डिग्री) के कारण काम दाब का छेत्र उत्पन्न हो गया और यही वजह बना है इस चक्रवात के उत्पन्न होने का ,
जानें बिपारजोय चक्रवात के पृथ्वी पर पड़े प्रभाव और नामकरण का कारण
तूफान का नामकरण बांग्लादेश के द्वारा किया गया है बंगाली भाषा में बिपारजोय शब्द का अर्थ आपदा होता है नाम करण की जो प्रक्रिया है वो विभिन्न तटीय देशों के द्वारा बारी बारी से किया जाता है अगली बार जो तूफान उत्पन्न होगा या चक्रवात उत्पन्न होगा भारत की तरफ से उसका नाम तेज सुझाया गया हा,इस चक्रवात का उद्गम स्थल गोवा तट से 850k.m पश्चिम दिशा में हुआ है ऐसा अनुमान लगाया गया है मौसम विभाग के द्वारा।
तैयारियां: चक्रवात सुरक्षा के लिए प्रभावी कार्रवाई
तैयारियां–– चक्रवात से सुरक्षा के लिए प्रसानिक तबका पूरी तरह से चुस्त दुरुस्त है और किसी भी प्रकार की कमी बरतने से बच रही है क्युकी पिछले कुछ चक्रवातों ने तटीय इलाकों को भरी नुकसान पहुंचाया है इसी कड़ी में 6 ndar 5 sdrf की टीमों की मदद ली गई गई केवल गुजरात के तट के लिए और साथ ही साथ प्रत्येक प्रभावित स्थान पर वायु सेना और जल सेना को तैयार रखा गया है किसी भी स्तिथि से निपटने के लिए।
ऐसे इलाके जिनके प्रभावित होने की संभावना अधिक है उन स्थानों से लगभग 50000 लोगो को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित किया गया है।
समाप्ति: चक्रवात सुरक्षा – संघर्ष, तैयारी और भविष्य की सुरक्षा
चक्रवात सुरक्षा एक गंभीर और महत्वपूर्ण मुद्दा है जिसके लिए सरकारी और गैर-सरकारी संगठनों ने बहुत मेहनत और तैयारियां की हैं। बिपारजोय चक्रवात के प्रभावित इलाकों में वायु सेना, जल सेना और नगरीय प्रशासन की सक्रिय भूमिका ने एक सुरक्षित माहौल बनाने में